शहरों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी आप, म्युनिसिपल चुनाव में जनता ने लगाई मुहर

AAP emerged as the biggest party in cities

AAP emerged as the biggest party in cities

आम आदमी पार्टी निकाय चुनाव में 55% से ज्यादा सीटें जीती, 961 में से 522 वार्डों में हमारी जीत हुई - अमन अरोड़ा

भाजपा-कांग्रेस का शहरी क्षेत्रों में मजबूत होने का भ्रम टूटा, अब शहरों में भी आम आदमी पार्टी  नंबर -1 : अरोड़ा

भाजपा-अकाली को तो बहुत जगहों पर उम्मीदवार नहीं मिले, कांग्रेस को भी संघर्ष करना पड़ा - अरोड़ा

पंजाब में कई दशकों बाद निकाय चुनाव इतना स्वतंत्र और पारदर्शी ढंग से हुआ, बड़ी संख्या में आजाद उम्मीदवारों का जीतना इसका सबूत - अरोड़ा

चंडीगढ़, 22 दिसंबर: AAP emerged as the biggest party in cities: आम आदमी पार्टी (आप) ने निकाय चुनाव में जीत के लिए पंजाब की जनता को धन्यवाद दिया है। पार्टी ने कहा कि निकाय चुनावों के नतीजों से साबित होता है उपचुनावों की तरह इस बार भी शहरों के लोगों ने आम आदमी पार्टी पर अपना भरोसा बरकरार रखा है। 

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने जनता को धन्यवाद देने और जीते हुए सभी उम्मीदवारों को बधाई देने के लिए पार्टी कार्यालय चंडीगढ़ में आप सांसद मलविंदर सिंह कंग और पार्टी नेता डॉ सनी आहलूवालिया एवं फैरी सोफत के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।

अरोड़ा ने कहा कि अब आम आदमी पार्टी आधिकारिक तौर पर पंजाब के शहरी इलाकों में भी नंबर - 1 पार्टी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस का शहरी क्षेत्रों में सबसे मजबूत होने का भ्रम टूट गया है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 55% से ज्यादा सीटें जीती। वहीं अकाली-भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर सिर्फ 45 प्रतिशत ही बनता है। अरोड़ा ने बताया कि कुल 977 में से 961 वार्डों के नतीजे कल घोषित हुए। इसमें से 522 वार्डों में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत हुई। वहीं कांग्रेस 191 वार्डों के साथ सिर्फ 20 प्रतिशत सीटें ही जीत पाई। 

भाजपा और अकाली दल का इस चुनाव में करारी हार हुई। उनका सफाया हो गया। भाजपा महज 7 प्रतिशत सीटें जीती, उसके 69 उम्मीदवार जीते। वहीं अकाली दल 3 प्रतिशत सीटों पर जीत पाई। उसके सिर्फ 31 उम्मीदवार ही जीत पाए। बसपा के 5 उम्मीदवार जीते। वह सिर्फ 0.5 प्रतिशत सीटों पर ही जीत सकी। आजाद उम्मीदवारों की जीत की संख्या 143 रही एवं उनके जीत का प्रतिशत करीब 15 प्रतिशत रहा।

अरोड़ा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के लोगों ने भाजपा को आईना दिखा दिया है और उनके पंजाब विरोधी रवैया का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल और भाजपा को तो कई वार्डों में चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिल पाए। कांग्रेस को भी उम्मीदवार ढूंढने में संघर्ष करना पड़ा। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ही एकमात्र पार्टी थी जिसने हर वार्ड में अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार उतारे।

अरोड़ा ने परिणामों पर खुशी जाहिर की और कहा कि पटियाला नगर निगम में हमारी एकतरफा जीत हुई है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। हम 0 से 55 प्रतिशत पर पहुंचे हैं। पहले हमारा कहीं भी मेयर और नगर परिषद अध्यक्ष नहीं था। अब 3 जगहों पर हमारा मेयर होगा और 31 नगर परिषद और कमेटियों में हमारा अध्यक्ष बनेगा। उन्होंने इस जीत का श्रेय पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की सोच, मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के पिछले पौने तीन साल के लोक हितैषी कार्यों एवं पार्टी के नेताओं- कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की सराहना भी की और उनको जीत की बधाई दी।

अरोड़ा ने विपक्षी पार्टियों के दुष्प्रचार पर पलटवार करते हुए कहा कि पंजाब में कई दशकों बाद निकाय चुनाव इतना स्वतंत्र और पारदर्शी ढंग से हुआ है। बड़ी संख्या में आजाद उम्मीदवारों का जीतना इसका सबूत है। उन्होंने मुख्यमंत्री का गृहक्षेत्र संगरूर का उदाहरण दिया जहां 10 आजाद उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। वहीं बरनाला के हंडियाया नगर परिषद में एक कांग्रेस उम्मीदवार की मात्र एक वोट से जीत हुई। उन्होंने कहा कि बरनाला से हमारे मीत हेयर विधायक रहे हैं, मंत्री रहें, अभी भी उस इलाके के सांसद हैं। अगर वह गलत करना चाहते तो कांग्रेस उम्मीदवार एक वोट से नहीं जीत पाता। 

अरोड़ा ने कहा कि इन घटनाओं से साबित होता है चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष हुआ है, राज्य सरकार ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया। वहीं इसके उल्ट कांग्रेस और अकाली भाजपा सरकार के समय में चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली और हेरफेर होते थे। पहले निकाय चुनावों में विरोधी पार्टियां जीतने की सोच भी नहीं सकती थी। आप सरकार में यह संभव हो सका है।

अरोड़ा ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि सभी दलों के नए पार्षद लोगों के लिए मन से काम करेंगे। आप सरकार भी दलीय राजनीति से उपर उठकर सभी नगर निगमों और परिषदों के लिए मिलकर काम करेगी। हमारा मकसद शहरों का विकास करना और बिना किसी झगड़ा लड़ाई और विवाद किए मिलकर काम करना है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अध्यक्ष और मेयर चाहे किसी भी पार्टी का हो, राज्य सरकार निगमों और परिषदों को पूरा आर्थिक सहयोग करेगी।